बंगाल की हमारी बहुत प्रिय लेखिका और कार्यकर्ता महाश्वेता दी ने सदियों से पीड़ित जनजातियों के लिए अपना सारा जीवन और लेखन समर्पित कर दिया। उनका जाना बहुत सी यादों को ताजा कर गया।
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