$ 0 0 'नहीं महाकवि और न कवि ही लोगों द्वारा कहलाऊं, 'सरल' शहीदों का चारण था कहकर याद किया जाऊं।' यह अभिलाषा थी राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण 'सरल' की।